भाग्य Vs कर्म - An Overview
भाग्य Vs कर्म - An Overview
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हमारे ब्रह्मांड ने हमें इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए विभिन्न नियम स्थापित किए हैं। इनमें से एक है आकर्षण का नियम। यह नियम कहता है कि आप जो भी देते हैं, वह आपको मिलता है। कर्म इसी आधार पर काम करता है। हमारे प्रत्येक कार्य से ऊर्जा के निशान छूटते हैं, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। और ब्रह्मांड इस ऊर्जा को उसी प्रकार हम पर वापस दर्शाता है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक।
धन प्राप्ति के लिए घर की इस दिशा में रखें लक्ष्मी यंत्र
श्री श्याम जी मनावत
आचार्य जी ने मुझे रविवार वाले दिन, एकांत में आने को कहा और ध्यान के लिए चले गए। मैं उनसे समय तक पूछ नहीं पाया, पर उनके एक अनुयायी ने मुझे सुबह जल्दी आने के लिए सुझाव दिया।
लक भी उन्ही में से एक है, पर अगर कोई चीज समझाई नहीं जा सकती तो इसका ये मतलब नहीं है कि वो है ही नहीं.
स्वास्थ्यमुंह की बदबू ने कर रखा है परेशान, आजमाएं ये घरेलू नुस्खे
अगर अच्छे कर्म न किये हो तो अच्छा ज्योतिष मिलना भी मुश्किल होता है। हम कहते हैं कि ज्योतिष से क्या होगा अगर मेरे भाग्य में ही, यह सब लिखा हुआ है। मैं website कहता हूं की तुम्हारे बहुत बुरे कर्म होंगे जिसकी वजह से तुम्हें आज बुरा वक्त काटना पड़ रहा है पर तुमने जरूर कुछ न कुछ अच्छे कर्म भी किये होंगे जिसकी वजह से आज तुम ज्योतिषी के पास पहुंच पाये हो या किसी सही ज्योतिष का ज्ञान रखने वाले के पास कुछ जानने आ पाये हो।
कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है भाग्य के भरोसे एक समय का भोजन भी संभव नहीं है.
पर हम किसी लगातार सफल व्यक्ति के ये गुण खुद में उतारने के स्थान पर लगेंगे भाग्य को दोष देने
अब परिवार के लोग सब से कहते फिरेंगे की मेरा बच्चा तो दिन रात –पढता है पर क्या करे भाग्य साथ नहीं देता
खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले
भाग्य कुछ नहीं होता बस भविष्य होता है कर्म सोच और मेहनत का परिणाम है. अगर आप सही कर्म के सारे दाव पेंच अच्छे से निभा रहे है.
कर्म की मुख्य अवधारणा यह है कि सकारात्मक कार्य से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है और नकारात्मक कार्य का परिणाम नकारात्मक होता है। इन दोनों के बीच कारणिक संबंध व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति को शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रतिदिन निर्धारित करता है।
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